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Film Ki Baat 2.0

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कल्कि शुरू होती है महाभारत के युद्ध से जहां से श्रपित होकर निकले अविनाशी आश्वथामा अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढते पहुंच चुके है आज से 6000 साल आगे धरती पर आखिरी बचे शहर काशी में। उनका लक्ष्य है कल्कि अवतार और उनकी मां सुमति की रक्षा करना, लेकिन 6000 साल बाद के काशी में एक बाउन्टी हंटर भैरव भी है जो सुमिति और उसके अजन्मे बच्चे को यस्किन को सौंपना चाहता…
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Maharaj | Short Review | Sajeev Sarathie आहत भावनाओं का एक दुखद समय चल रहा है हमारे यहां फिल्मों का। अब चाहे ये जान बूझ कर पब्लिसिटी के लिए आहत की जा रही हो हमारे बारह की तरह या फिर फिल्म के प्रति दुर्भावना से लेकिन नुकसान दोनों ही स्थितियों में अच्छी सामाजिक रूप से सार्थक फिल्मों का ही होता है। महाराज जो कि किसी दौर में फैली देवदासी जैसी कुप्रथा प…
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इश्क विश्क रिबाउक्ड, यहां रिबाउंड शब्द इंटरेस्टिंग है। बहुत कम ही इस रिबाउंड इश्क पर कभी फिल्म बनी हो। मुझे उम्मीद थी कि ये मॉडर्न लव ट्राइएंगल कुछ दिलचस्प होगी। पर मुझे लीड रोल्स में दिखे एक्टर्स की परफॉर्मेंस को छोड़ कुछ भी अच्छा नहीं लगा फिल्म में। एक तो फिल्म की राइटिंग, विशेषकर संवाद असरदार नहीं हैं कई सीन्स जो अच्छे यादगार हो सकते थे साधारण स…
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Hamare Barah | Short Review | Sajeev Sarathie हम दो हमारे बारह एक महत्वपूर्ण विषय पर बनी एक संजीदा सी फिल्म है, पर फिल्म के मेकर्स ने सोचा कि इसे थोड़ा विवादित बना कर पेश किया जाए। एक बहुत ही खराब और विवादों से भरा ट्रेलर बनाकर फिल्म को इंट्रोड्यूस किया गया और जिस समुदाय के लिए इसे बनाया गया था, उसे ही इस फिल्म से दूर कर दिया गया। फिल्म मुस्लिम समु…
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जे एन यू यानी जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी अपने नाम से ही साबित कर देती है कि किस उद्देश्य के साथ इसे बनाया गया है। अब क्रिंज होगी ये तो पता था, पर सिर्फ देखने के लिए देखी कि आखिर किस हद तक क्रींज हो सकती है, मैने किसी तरह इसे झेल ही ली। यूनिवर्सिटी में एक बड़ा स्टेच्यू लगा है जिन्ना और नेहरू जैसे दिखने वाले दो लोगों का जो विश्व विद्यालय की गतिविधियों…
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Kota Factory | Short Review | Sajeev Sarathie कोटा फैक्ट्री की कलर स्कीम ब्लैक एंड वाइट सही, यहाँ के विद्यार्थियों की ज़िन्दगी इसी कलर पैलेट जैसी बेरंग, नीरस और तनाव से भरी सही पर कोटा फैक्ट्री हर बार आपको बहुत कुछ सीखा जाती है, हाँ थोड़ा उदास तो कर जाती है मगर एक उम्मीद फिर भी बची रह जाती है, तो तीन बातें जो इस सीजन से मेरी लर्निंग रही वो बताता हूँ …
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जब छोटा था तो घर में टी वी का होना एक बड़ी बात हुआ करता थी, मोहल्ले में जिसके भी घर नया टी वी आता था पूरा मोहल्ला इस हफ्ते संडे की फिल्म उस घर पे देखता था, जब मेरे घर वेस्टर्न कंपनी का पहला ब्लैक एन्ड वाइट टीवी आया तो उस हफ्ते मेरे घर पर पैक्ड हाउस में देखी गयी थी पंडित और पठान. जब मैंने बजरंग और अली सुना तो जेहन में पंडित और पठान की यादें घूम गयी. …
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क्या आप जानते हैं कि प्रतीक पचौरी को जब मुंबई में मन माफिक काम नहीं मिला तो वो जबलपुर वापस आ गए और वहां के थियेटर साथियों के साथ मिलकर एक फिल्म बना डाली ? क्या था इस फिल्म का नाम ? क्या आप जानते हैं किन परिस्थितियों में बीच जंगल शूट हुई थी विद्या बालन की शेरनी ? क्या आप जानते हैं कि प्रतीक ने पंचायत के लिए पहले किस किरदार के लिए ऑडिशन दिया था ? जान…
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Barah x Barah | Short Review | Sajeev Sarathie गंगा की अविरल बहती धारा और वो घाट जहां से कहते हैं दिवंगतों को मोक्ष का द्वार मिलता है। जाहिर है इस घाट के आस पास रहने वाले परिवारों का रोजगार इसी घाट के क्रिया कलापों से चलता है। सूरज इसी मणिकर्णिका घाट का फोटोग्राफर है जो दिवंगतों की अंतिम तस्वीर खींचता है उनके परिजनों के लिए। मगर मोबाइल के आने के बा…
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चंदू चैंपियन कहानी है मुरलीकांत पेटकर की और इस फिल्म का ट्रेलर आने से पहले मैंने इनका नाम भी नहीं सुना था। Thank you कबीर खान इस हीरो से परिचय करने के लिए। जैसे एक फौजी का लक्ष्य देश के मार मिटना रहता है वैसे ही एक खिलाड़ी को सिर्फ देश के लिए मेडल लाने पर फोकस करना चाहिए, खेल कोई भी हो। मुरली कांत जी का बस यही एक लक्ष्य था। तभी तो पहलवानी से बॉक्सि…
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LSD 2 | Short Review | Sajeev Sarathie करीब 14 साल पहले दिबाकर बनर्जी ने बहुत ही कम बजट में एक एक्सपेरिमेंटल फिल्म बनाई थी लव सेक्स और धोखा। ये स्पाई कैमरा और उसके परिणामों पर एक व्यंगात्मक टिप्पणी थी। ये फिल्म एक कल्ट साबित हुई थी। सालों बाद दिबाकर थोडे अच्छे बजट पर इसका नया संस्करण लेकर आए हैं, एक बार फिर तीन कहानियां है मगर इस बार का थीम है इंटर…
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scam 1992, Cubicles, और scoop जैसी ढेरों वेबसरीज में दिखे मंझे हुए रंगमंचीय अभिनेता हैं जैमिनी पाठक। मुझे लगता है उनके साथ हुई इस सार्थक बातचीत को युवा अभिनेताओं को अवश्य ही सुननी चाहिए। ध्यान से सुनेंगे तो बहुत कुछ आप सीख पाएंगे आप जैमिनी के अनुभवों से। #sajeevsarathie #jaiminipathak #interview #actor #scoop #scam1992 #tvf #hansalmehta #mumbaidiar…
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Gullak S4 | Short Review | Sajeev Sarathie मिडल क्लास कभी भी अति संतुष्ट नहीं होता, बस अपनी छोटी छोटी खुशियों का जश्न मनाता है और गमों को भी दिल से सहेज कर रखता है। इस कोशिश में कि मिडल क्लास से निकल कर अपर क्लास में पहुंच जाए, पीढ़ियां गंवा देता है पर अपने मिडल क्लास मूल्यों और संस्कारों को भी कभी छोड़ नहीं पाता। जब भी ये मिडिल क्लास खुद को परदे प…
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सबसे पहले तो तारीफ करना चाहूंगा मडडोक फिल्म्स की जो देश में हॉरर कॉमेडी के जोनर पर काम करते हुए एनिमेटेड किरदारों और स्पेशल इफेक्ट्स के साथ बेहतरीन प्रयोग कर रहे हैं और अच्छी बात ये है कि उनके इन प्रयासों को दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिल रहा है। इस कड़ी में एक नया नाम जुड़ा है मुंजिया का। मुंजिया का ये किरदार पौराणिक और लोक कथाओं से निकला है। देखने…
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क्या आप जानते हैं कि अमित मौर्य ने पहले नए सचिव के रोल के लिए ऑडिशन दिया था पर चुनाव नहीं हुआ, निराश अमित को बम बहादुर का रोल मिला जिसका आरंभ में मात्र दो सीन का रोल था, लेकिन किस्मत ने पलटी मारी और बम बहादुर एक महत्वपूर्ण भूमिका में तब्दील हो गए और UP के एक छोटे से गांव से निकलकर अमित देश भर के चहेते बन गये। क्या आप जानते हैं कि जगमोहन की पत्नी का…
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The brokan mews का पहला सीजन मुझे बहुत पसंद आया था, सो दूसरा जब से आया देखने का मन था। लेकिन समय नहीं मिल पा रहा था, खैर इस सन्डे फाइनली इसे निपटा दिया। कहने को तो ये सीरीज एक अंग्रेजी सीरीज प्रेस का हिंदी संस्करण है पर इसे देखते हुए आपको अपने आस पास मीडिया की दुनिया में घटी ढेरों घटनाएं याद आ जायेगें। यहां आपको पैगेसिस मिलेगा, एल्ट्रोल बॉन्ड मिलेग…
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हर इंसान के भीतर होते हैं कुछ अंधेरे बंद कमरे, जिन पर अकल मोटे मोटे ताले लटका कर दबा छुपा कर रखती हैं क्योंकि इंसान की अकल नहीं जानती कि इन अधेरों कमरों से कौन सा शैतान और कौन सा देवता निकल आए जिसे नियंत्रित करना इंसान की सामान्य अकल के लिए मुश्किल हो जाए। पर प्रेम और नफरत दो ऐसे एक्सट्रीम भाव होते हैं जो हदें पार कर जाए तो इनकी शिद्दत से इन बंद कम…
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इंडियन ott की शायद सबसे लोकप्रिय फ्रेंचाइज है पंचायत जिसके 4 साल में 3 सीजन आ चुके हैं। ताजा सीजन का इंतजार तो साल के पहले महीने से हो रहा है लेकिन मई के आखिरी सप्ताह में आखिरकार प्राइम विडियो पर आए नए सीजन ने साबित कर दिया कि इंतजार का फल मीठा ही है। इस सिरीज़ की सबसे बड़ी खासियत है इसका एकदम वास्तविक सा सेटअप। कुछ भी यहां फेब्रिकेटेड नहीं लगता। द…
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आज से करीब 30 साल पहले एक फिल्म आई थी खलनायक, जिसके गाने खूब चर्चित हुए थे विशेषकर चोली के पीछे जो अपने लिरिक्स के चलते विवादों में घिर गया था। पर विवादों से ऊपर उठाकर अगर आप इस 7 मिनट लंबे गीत को ध्यान से सुनोगे तो पाओगे कि इस गाने की धुन उसका शानदार अरेंजमेंट, पार्श्व में बजाए गए वाद्य आदि अपने दौर से काफी आगे थे। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी क…
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कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिन्हें छोड़ने का बिलकुल मन नहीं होता पर इन्हें निभाया भी नहीं जा सकता। एक औरत और मर्द के बीच क्या कोई ऐसा भी रिश्ता हो सकता है जिसे किसी परिभाषा में नहीं बांधा जा सकता ? 8 AM Metro कोई टिपिकल लव स्टोरी नहीं है। यहां दो अजनबी मिलते हैं, बौद्धिक और भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं मगर दोनों ही पहले ही किसी रिश्ते में कमिटेड भी है …
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श्रेयास तलपड़े एक ऐसे एक्टर हैं जो कम फिल्में करते हैं मगर चुनी हुई और सार्थक। कौन प्रवीण तांबे के बाद उनसे उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। इस हफ्ते चुप चाप उनकी एक फिल्म आई है कर्तम भर्तम यानी जो करेगा वो भरेगा। जीवन में निराश और हताश लोग अक्सर हस्तरेखाओं में न्यूमरोलॉजी में नाड़ी विशेषज्ञों के चक्कर में पड़ जाते हैं। यही इस फिल्म का मूल विषय है, जो कि…
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कुछ अभिनेता अपने किरदारों को इस कदर जीवंत कर देते हैं कि वो काल्पनिक होकर भी वास्तविक से लगने लगते हैं और दर्शकों के जेहन में उनकी अमिट छाप रह जाती है, राजेश खन्ना का आनंद, देव साहब का राजू गाइड, अमिताभ का विजय, अमजद का गब्बर, अमरीश का मोगाम्बो या फिर हाल के दिनों में यश का रॉकी, या फिर प्रभास का महेंद्र, इसी कड़ी में जुड़ गया है फहाद का रंगा भी, ए…
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यूं तो वेब सीरीज की दुनिया में LGBTQ समुदाय के लिए एक विशेष स्थान देखा जा सकता है पर मर्डर इन माहिम एक ऐसी सिरीज़ है जिसकी मूल कहानी ही इसी समुदाय के इर्द गिर्द बुनी गई है। दरअसल जब तक समलौगिक यौनाचार को न्याय की नज़र में अपराध माना जाता था तब तक उन लोगों के लिए जो इस प्रवृत्ति के होने के बावजूद खुल कर सामने न आए हों, उनके साथ कई तरह के अपराधों की …
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अंग्रेजों के दौर का लाहौर शहर जहां का रेड लाइट एरिया था हीरामंडी, वो बदनाम गलियां जहां शहर के तमाम नवाबों की शामें गुजरती हैं, जहां खुद नवाबों की माएं बहनें और बीबीयां उन्हें भेजती है ताकि औरतों के साथ रहन सहन के तौर सलीकें वो सीख सकें। जहां नवाब नई तवायफों की आमद पर पुरानी को छोड़ देते हैं तो वहीं ये तवायफें जो खुद को फनकार कहती हैं, पूरी कोशिश कर…
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अक्सर आपने ऐतिहासिक और दार्शनिक स्थानों की दीवारों या चट्टानों पर लिखे हुए नाम पढ़े होंगे, कभी सोचा आपने कि उस लिखावट के पीछे भी कोई कहानी रही होगी। या फिर किसी किसी जगहों पर रिस्ट्रिक्टेड एरिया का बोर्ड देखा होगा आपने, लेकिन सोचा कभी कि वर्जित होने से पहले उन स्थानों के इतिहास में कुछ दर्दनाक हादसे भी रहे होंगे। मंजुमल बॉयज यूं तो एक सर्वाइवल थ्रि…
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सेक्सुअल माइनोरिटीज जिसमें LGBTQ समुदाय के लोग आते हैं उजपर इन दिनों बात तो खूब हो रही है खासकर वेब सीरीज में मगर एक दो जगहों को छोड़कर बाकी सबमें बहुत संवेदनशील तरीके से उनका चित्रांकन देखने को नहीं मिला और अधिकतर ये भी देखा गया है इस समुदाय के किरदारों को शहर की पृष्ठभूमि वाले ही दिखाया जाता रहा है। यहां मैं आपका ध्यान एक ऐसी फिल्म की तरफ ले जाना…
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प्यार नहीं बच्चों का खेल ... आज मैं आपको एक 24 साल के एक्टर के बारे में बताने जा रहा हूं, जो इतनी छोटी सी उमर भी अपनी अनमैचेड कॉमिक टाइमिंग के चलते लोकप्रियता की सीढ़ियां बहुत तेज़ी से चढ़ रहे हैं, यहां तक कि उनकी हालिया प्रदर्शित फिल्म ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री जहां मम्मूटी, मोहनलाल जैसे जाने कितने ही बड़े बड़े सुपरस्टार्स मौजूद हों वहां अब तक की …
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सरल सहज अंजुम बत्रा से मिलना एक सुखद अनुभव रहा। करीब 10- 15 सालों से इंडस्ट्री में सक्रिय अंजुम ने कई ऐसे किरदार निभाए जो लंबाई में छोटे होने के बावजूद सबकी नज़र में आए और दर्शकों ने उन्हें नोटिस भी किया। नेटफ्लिक्स पर जारी हुई अमर सिंह चमकीला में केसर सिंह टिक्की का किरदार बेहद महत्वपूर्ण था और अंजुम ने इस किरदार की संभावनाएं को समझते हुए जम कर मे…
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प्रतीक गांधी क्या कमाल का एक्टर है, scam 92 की आपार सफलता के बाद बंदे ने बहुत ही समझ बूझ के साथ अपने लिए एक के बाद एक अलग तरह के रोल्स चुने, और किसी भी खांचे में कैद होने से खुद को बखूबी रोक लिया। इस सप्ताह रिलीस हुई दो और दो प्यार में वो अभिनय की पावर हाउस विद्या बालन के साथ दिखे हैं, हालांकि किरदार के हिसाब से प्रतीक विद्या से थोड़े कमतर लिखे गए …
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अगर आप भी मेरी तरह एक जेनरेशन पीछे के हैं तो इस सेंटीमेंट्स आप बखूबी कनेक्ट करेगें। उस जेनरेशन के लड़के जब किसी लड़की के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाते थे, तब बस उस पल से ही वो उस लड़की को अपनी पत्नी ही मान लेते हैं और उसे बिलकुल वैसे ही ट्रीट भी करने लगते थे। अब बताइए, कोई 16 या 17 साल का लड़का, कुछ पता नहीं कि आगे जिंदगी में क्या काम करेगा, कुछ बन भी प…
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अमर सिंह चमकीला जितने लोकप्रिय थे,अपने गीतों के "अश्लील" बोलों के लिए उतने ही बदनाम भी रहे। चमकीला जन साधारण के कवि थे, जो वही लिखते रहे, और उसी भाषा में लिखते रहे जिसमें वो पले बढ़े थे। जहां एक बड़ा जन समूह उनके इन गीतों से अनायास ही जुड़ जाता था वहीं कुछ लोगों को लगता था कि उनके गीत औरतों को गलत अंदाज में प्रस्तुत करते हैं और युवाओं के जेहन को भष…
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आडूजीविथम ⭐ ⭐ ⭐ ⭐ ⭐ Prithviraj deserve an Oscar for this. #Aadujeevitham #aadujeevithammovie #TheGoatLife #thegoatlifemovie #survival #blessy #saudiarabia #arabs #IndianImmigrants #enslaved #deserts #prithviraj #PrithvirajSukumaran #jimmyjeanlouis #krgokul #amalapaul #arrahman #sajeevsarathie What you think about Aadujeevitham guys https://www.inst…
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Brahmayugam | Short Review | Sajeev Sarathie | Film Ki Baat सोचिये आप जंगल के बीचों बीच बने एक ऐसे घर में कैद हो जाएँ, जहाँ पर आपकी यादें धीरे धीरे मिटने लगे, जहाँ समय किस गति से गुजर रहा है इसकी आपको कोई खबर न हो, तो क्या होगा.ये भ्रम की दुनिया में कब दिन युग बन जायगें और आप आखिरकार मरकर ही इस कैद से छूट पायेगें. https://www.instagram.com/reel/C5G…
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हम में से जाने कितने लोग हैं जो घर परिवार की जिम्मेदारियों के चलते अपने खुद के सपनों को दरकिनार कर देते हैं, पर सलाम है उन बच्चों को जो न सिर्फ अपने माता पिता के इन खोए हुए सपनों को ढूंढ निकाल लाते हैं, बल्कि उन्हें पंख भी देते हैं। 12th Fail फेम एक्टर सलीम सिद्धिकी 42 साल की उम्र में खुद को परदे पर देखने का सपना साकार कर पाए हैं तो इसके पीछे हाथ ह…
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नर्म अल्फ़ाज़ भली बातें मोहज़्ज़ब लहजे पहली बारिश ही में ये रंग उतर जाते हैं... - जावेद अख्तर इंसान की फितरत का एक उसूल है हमारे भाव विचार, रिश्ते नाते, प्यार दोस्ती बोल चाल का लहजा, हमारे आदर्श सब को बस एक ही चीज़ ड्राइव करती है और वो है हमारा स्वार्थ. स्वार्थ ही हमें बताता है कि हम किस परिस्तिथि में कौन सा निर्णय लें। आट्टम यानी खेला, या नाटक, मात…
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दोस्त साथ हों तो हर पल गोवा है... तीन दोस्त बचपन से ख्वाब देख रहे हैं एक साथ गोवा जाने का. स्कूल ख़तम हुए कॉलेज भी मगर सपना पूरा नहीं हो पाया दिल चाहता है टाइप गोवा ट्रिप का, समय बीतता गया. तीनों दोस्त अपनी अपनी ज़िन्दगी में सेटल हो गए या फिर सेटल होने की कोशिश में हैं. एक बार फिर सबका मिलना होता है और तय करते हैं कि अब तो वो बचपन का सपना साकार करके …
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मेरी कहानियां बस डायरी के पन्नों तक सीमित रह जाती अगर... हाल ही में जावेद अख्तर ने हनी ईरानी से सेपरेशन पर बात करी और भावुक भी हुए। साल भर पहले हनी हुई बातचीत में उन्होंने भी काफी अच्छे नोट पर याद किया, इंफैक्ट उनके भीतर के लेखक को उभारने ने भी जावेद साहब का बड़ा प्रोत्साहन रहा। दरअसल हनी जी की कहानी किसी भी भारतीय नारी की कहानी लगती है जो अपने टैल…
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कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जिनके काम को बारीकी से समेटना लगभग असम्भव सा लगता है, और अगर आप ये कोशिश करते भी हैं तो आपको इसके लिए काफी लंबा समय या कहें अपने जीवन का एक पूरा कालखंड इस काम को समर्पित करना पड़ता है। मैं भाई यतींद्र मिश्र का सम्मान इसलिए भी करता हूं कि उन्होंने ऐसी ही कुछ महान शख्सियतों पर अपनी उम्र का एक बड़ा हिस्सा समर्पित कर दिया, पर ऐस…
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Salim Siddiqui से हाल ही में हुई बातचीत में उन्होंने शेयर किया 12th Fail के मशहूर थाने वाले सीन के शूट की यादें। #12thfail #VikrantMassey #VidhuVinodChopra #anantjoshi #sajeevsarathie #sajeevsarathieonterviewPor Film Ki Baat 2.0
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“यार इसको लेकर कुछ करते हैं” ये पंचम की फेवरेट लाइन हुआ करती थी… उषा उथुप और और पंचम की आपस में खूब छनती थी. जब भी उषा पंचम से मिलने जाती कुछ नए जारी हुए अंग्रेजी गानों की कैसेट्स ले जाती थी, जिसे दोनों साथ बैठकर सुनते. कभी कभी पंचम किसी गाने को सुनकर कहते कि उषा कुछ ऐसा हम भी करते हैं. उषा जी के साथ हुई मेरी मुलकात में उन्होंने ऐसे ही एक गीत के बन…
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Save the tigers | Short Review | Sajeev Sarathie .पतियों को बचाओ ⭐ ⭐ ⭐✨ पत्नि प्रताड़ित पतियों की व्यथा जारी है सीजन 2 पहले के मुकाबले थोड़ा ज्यादा सीरियस होकर बनाया गया है, 6 की जगह 7 एपोसोड्स हैं और उनकी लेंथ भी अबकी बार ज्यादा है तो कहीं कहीं थोड़ी खींची हुई लगती है। पर इस बार इमोशनस को बेहतर अंदाज में प्रेजेंट किया गया है। इस सीरीज की खासियत ये…
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Salim Siddiqui को जब साथ मिला विधु विनोद चोपड़ा का, तो उनके अभिनय जीवन को मिला एक नया मोड़। 12th Fail के रिश्वतखोर पुलिस वाले की भूमिका बेशक छोटी थी पर उन पर सबका ध्यान गया। लीजिए खुद सलीम भाई से सुनें उनका अनुभव। #salimsiddqui #12thfail #VidhuVinodChopra #VikrantMassey #anantjoshi #sajeevsarathieinterview #sajeevsarathie #exclusive https://www.fac…
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वशीकरण का मकड़जाल .... ⭐ ⭐ ⭐ इंसान की कमज़ोरी यही है जब पैसा नहीं होता तो भिखारियों की तरह भगवान से पैसे मांगता रहता है, और जब पैसा आ जाता है तो वो पैसे को ही अपना भगवान बना लेता है। शैतान गुजराती फिल्म वश का रीमेक है, मेकर्स ने चतुराई दिखाते हुए ओरिजनल को ओटीटी से हटा दिया ताकि एक बड़ा दर्शक समूह इसे देखने से वचिंत रहे और हिंदी संस्करण को बेहतर एं…
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खुद को नाटककार कह कर परिचित कराने वाले चंबल वाली विक्रम प्रताप Dialect Coach बन इंडस्ट्री में आए और बहुत से छोटे बड़े रोल्स करने बाद सबकी नजरों में छाए हैं "मामला लीगल है" में रवि किशन के सहयोगी ऑर्डर की भूमिका में। इस सीरीज के लगभग सभी एपिसोडों में ये दिखे हैं, और बात बात पर बेल्ट खोल सामने वाले को डराने की इनकी अदा दर्शकों को खूब हंसा रही है। आखि…
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मामला लीगल है #02 बिहार, हरियाणा, दिल्ली से होते हुए कुमार सौरभ पहुंचे मुंबई, और देखते ही देखते कई सारे निर्देशकों की पसंद बन गए। जिनमें से एक हैं राहुल पाण्डे जिन्होंने निर्मल पाठक की घर वापसी के बाद मामला लीगल है में सौरभ को दिया एक अहम रोल। कॉमिक रोल्स में माहिर कुमार ने जिस तरह सीरीज में एक लंगूर का रूप धारण किया है दर्शकों को खूब हंसाया है। ली…
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OTT पर कोर्ट रूम ड्रामा तो बहुत से आए पर मामला लीगल है आपको कोर्ट परिसर में एक चेंबर का सपना लेकर ग्राहकों की राह तकते वकीलों की वास्तविक दुनिया में ले जाती है। हाल के दिनों में अक्सर कोर्ट परिसर से जुड़ी कुछ अनूठी बातें जैसे बंदरों के आतंक को कम करने के लिए वकीलों ने कुत्ते को शेर बना कर सामने रखा, या फिर कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों में हुई झड…
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घूंघट में चांद है पर कोई देख न ले... बॉलीवुड में आज भी सार्थक फिल्में बनती है ये यकीन और पुख्ता हो जाता है जब आप लापता लेडीज जैसी सार्थक फिल्में देखते हैं। फिल्म का ट्रीटमेंट हालांकि कॉमिक है पर फिल्म बहुत से संवेदनशील विषयों को टच करती है विशेषकर देश के गांव देहातों में महिलाओं की अवस्था पर बहुत ही दमदार चोट करती है। निर्देशक किरण राव ने अपनी लेखक…
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जोरम और अज्जी जैसी विचारुत्तेजक फिल्में बना चुके देवाशीष मखीजा ने शुरुआत अनुराग कश्यप के साथ ब्लैक फ्राइडे से की थी, जिसके बाद उनकी एक के बाद एक 18 फिल्में शुरू होने के बाद बंद होती चली गई। 18 फिल्मों के रिजेक्शन का सारा गुस्सा, सारा आक्रोश उन्होंने अज्जी के किरदार में घोल दिया था जैसे। अज्जी कहानी है एक बड़े शहर में समाज के सबसे छोटे पायदान पर रहन…
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विरले ही होते हैं वो कलाकार जो खुद को किसी खांचे में सीमित नहीं रखते। जो रोज अपनी कला के नए आयाम तलाशते हैं। उनकी कोशिशों को नकारने वाले अक्सर वही लोग होते हैं जो या तो खुद अपने दायरों को तोडना नहीं चाहते या फिर उनमें वो काबिलियत ही नहीं होती। खैर आज बात शुभा मुदगल जी की, जिन्हें नई चुनौतियां हमेशा आकर्षित करती है। कौन कल्पना कर सकता है शास्त्रीय ग…
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