6,850 करोड़ रूपए की लागत में भारत सरकार बनाने जा रही है 10 हजार नए एफपीओ- कृषि मंत्री
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विश्व दलहन दिवस के उपलक्ष में रोम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत, दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है. भारत ने दलहन में लगभग आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है. बीते पांच से छह सालों में ही भारत ने दलहन उत्पादकता को 140 लाख टन से बढ़ाकर 240 लाख टन से ज्यादा कर लिया है. साल 2019 औऱ 2020 में, भारत में 23.15 मिलियन टन दलहन उत्पादन हुआ, जो विश्व का 23.62% है.
मृदा की उर्वरता में करती है सुधार
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कि पौष्टिक खाद्यान्न व प्रोटीन से भरपूर होने से दलहन फूड बास्केट के लिए महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से हमारी भारतीय संस्कृति के लिए अहम हैं, क्योंकि हम मुख्यतः शाकाहारी हैं और भोजन में दालों को प्रमुख रूप से शामिल करते हैं. दलहन में पानी की कम खपत होती है, सूखे वाले क्षेत्रों और वर्षा सिंचित क्षेत्रों में दलहन उगाई जा सकती हैं. यह मृदा में नाइट्रोजन संरक्षित करके मृदा की उर्वरता में सुधार करती है, इससे उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है और इसलिए ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है.
सरकार देश में बनाने जा रही है 10 हजार नए एफपीओ
कृषि मंत्री ने बताया कि भारत में 86% छोटे व सीमांत किसान हैं, जिन्हें हर तरह की सहायता के लिए एफपीओ को बढ़ावा दिया जा रहा है. भारत सरकार देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने जा रही है, जिन पर 5 साल में 6हजार 8 सौं 50 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे.
इससे बीज उत्पादन, खरीद व बेहतर प्रौद्योगिकियों तक पहुंच के लिए किसानों को सामूहिक रूप से सक्षम बनाया जा सकेगा. बता दें कि इस वैश्विक सम्मेलन को अन्य देशों के मंत्रियों तथा अन्य प्रतिनिधियों द्वारा भी संबोधित किया गया था.
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